
तुम्हारे लबों पे बात हो
और वस्ल की रात हो
हम मिले कुछ ऐसे
जैसे आखिरी मुलाकात हो
लबों से जो भी कहो सब झूठ हो
आंखों में ही सिर्फ सच हो
धड़कने हमारी इतनी तेज धड़के
जैसे सासें रुकने का इंतज़ार हो
तुम मायूस नजरो से मुझे देखते रहो
और मेरा ख़ामोशी से तुम्हें सुनना हो
तुम्हारा हर बात कहना
और वस्ल की रात हो
हम मिले कुछ ऐसे
जैसे आखिरी मुलाकात हो
लबों से जो भी कहो सब झूठ हो
आंखों में ही सिर्फ सच हो
धड़कने हमारी इतनी तेज धड़के
जैसे सासें रुकने का इंतज़ार हो
तुम मायूस नजरो से मुझे देखते रहो
और मेरा ख़ामोशी से तुम्हें सुनना हो
तुम्हारा हर बात कहना
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