
वार तबस्सुम के मैं सहता रहूँ
तू हंँसती रहे मैं तकता रहूंँ
आँखों ही आँखों में सब कुछ
तू कहती रहे मैं सुनता रहूंँ
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वार तबस्सुम के मैं सहता रहूँ
तू हंँसती रहे मैं तकता रहूंँ
आँखों ही आँखों में सब कुछ
तू कहती रहे मैं सुनता रहूंँ