वो's image

उसके वजूद पर हर रोज़ सवाल उठते हैं,

कभी किसी की बातों में,

कभी किसी के तानों में,

अपने अस्तित्व को पहचानने की कोशिश करती हैं,

जिन्दा होकर भी वो रोज़ मरती हैं।

घर के एक कोने में बैठी वो अपने आंसुओं की माला पिरोती हैं,

अंधेरी रात में चमकते सितारों सी,

चाँद की रोशनी में वो कहा किसी को दिखती हैं,

मोतियों से भरी उन आखों से हर किसी को बड़ी उम्मीद से ताकती रहती हैं,

Read More! Earn More! Learn More!