ये ज़िन्दगी बड़ी किमती है, आहिस्ता इसे जीना होगा
अमृत हो या अश्क, तेरे हिस्से का तुझे पीना होगा
कामयाबी में तो पूरी कायनात होगी तुम्हारे पीछे
मगर बदहाली में देखना तुम्हारे साथ कोई ना होगा
तू अपना फ़र्ज़ अदा कर, यूॅं लफ़्ज़ों में ना बयॉं
अमृत हो या अश्क, तेरे हिस्से का तुझे पीना होगा
कामयाबी में तो पूरी कायनात होगी तुम्हारे पीछे
मगर बदहाली में देखना तुम्हारे साथ कोई ना होगा
तू अपना फ़र्ज़ अदा कर, यूॅं लफ़्ज़ों में ना बयॉं
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