मंज़िल ना पा सका's image
135K

मंज़िल ना पा सका

मंज़िल ना पा सका राह में ठहरा बहुत था
वो दिल मेरा जो उम्मीदों से भरा बहुत था

यूॅं तो ना थे ये मेरे ख़्वाब सावन में
पतझड़ से पहले ये जगह हरा बहुत था

मैं तो मांझा था मेरे ख़्वाबों के पतंग का
कटने से पहले ये पतंग लहरा बहुत था

Read More! Earn More! Learn More!