
अपने क़ातिल को भला क़ातिल कहूॅं कैसे
ये रस्ता ख़ुद चुना मैंने, मुश्किल कहूॅं कैसे
यूॅं तो बहुत लोग आए हैं बज़्म में फिर भी
अजनबी-सी लग रही महफ़िल कहूॅं कैसे
सुनेगा कौन दिल को, आवाज़ दूॅं किसको
सूना सूना सा है ये मेरा दिल, कहूॅं क
ये रस्ता ख़ुद चुना मैंने, मुश्किल कहूॅं कैसे
यूॅं तो बहुत लोग आए हैं बज़्म में फिर भी
अजनबी-सी लग रही महफ़िल कहूॅं कैसे
सुनेगा कौन दिल को, आवाज़ दूॅं किसको
सूना सूना सा है ये मेरा दिल, कहूॅं क
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