![Happy women's day's image](/images/post_og.png)
आज बहुत दिनों बाद कलम उठाई है,
एक खयाल है शायद,
जिसे बाहर आने की तलब आयी है |
कवि नहीं हुँ, तो उमीद नहीं है इसे पूरा करने की
एक खयाल है अधुरा करने की |
आज एडम और इव की कहानी फिर याद आई
एडम का वो पहला दृश्य धरती का
और इव की पहली अंगड़ाई |
काफी बार इस बहस मे फस चुकी हुँ
खुद पर कई बार हंस चुकी हुँ
क्या सच में इव ही मनुष्य के पतन का कारण थी
या बस पुरुष प्रधान समाज की एक कीर्ति असाधारण सी |
खुद से ये सवाल हर रोज करती हुँ
इव तब भी गलत थी और अब भी गलत है
ये हर रोज़ पढ़ती हुँ |
आज जब कलम फिर उठाई है
तब ज
Read More! Earn More! Learn More!