चुनने का अधिकार's image
267K

चुनने का अधिकार


मैंने जीवन में दो तरह के पुरुषों को देखा, 


पहले वो हैं जो बांधना चाहते है

स्त्री को घर की चारदीवारी में,

सीमित रखना चाहते हैं उसका वजूद

खाना बनाने..परिवार-बच्चे संभालने तक,

जो उसकी हंसी को भी

 कैद कर लेना चाहते हैं बस अपने तक. 


दूसरे वो हैं जो चाहते हैं कि 

भूल जाए स्त्री रिश्ते-नाते 

त्याग दे प्रेम और ममता,

अपनी संवेदनाओ को परे रख 

सफलता का शिखर चूमे 

बुलंदी का आसमान छुए

व बन जाए आधुनिक. 


हो सकता है 

ऊपर जो मैंने कहा वो अति हो, 

<
Read More! Earn More! Learn More!