खाना खाकर प्लेट उठाने में घंटों जिसे लग जाते थे,
अब एक फ़ोन की घंटी सुनकर वो दौड़ी चली जाती है
भाई से अपने रिमोट के लिए झगड़ती,
अब बिना मांगे पानी उसे दे आती है
चाय भी जो कभी ठीक से ना बना पाई,
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अब एक फ़ोन की घंटी सुनकर वो दौड़ी चली जाती है
भाई से अपने रिमोट के लिए झगड़ती,
अब बिना मांगे पानी उसे दे आती है
चाय भी जो कभी ठीक से ना बना पाई,