शब्दों के बाण से भेदी गई थी,
कटाक्ष ध्वनि कर्ण में गूंज रही थी।
प्रतिकार कर सकती शब्द प्रत्यंचा खींच!
मौन रहकर विध्वंश को रोके खड़ी थी।।
खामोशी से आंधियों को रोकती थी,
हवा के रुख के साथ बही थी।
सही वो थी या
कटाक्ष ध्वनि कर्ण में गूंज रही थी।
प्रतिकार कर सकती शब्द प्रत्यंचा खींच!
मौन रहकर विध्वंश को रोके खड़ी थी।।
खामोशी से आंधियों को रोकती थी,
हवा के रुख के साथ बही थी।
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