
रण में अब जयघोष लिखा जायेगा,
वीरत्व का इतिहास रचा जायेगा।
धधक उठेगी ज्वाला फिर से छाती में,
रक्त से संकल्प सजाया जायेगा।
अब न झुकेगा शीश किसी आततायी को,
अब ना होगा मौन किसी अन्यायी को।
तलवारों की धार सजेगी शब्दों में,
कलम से पराक्रम दिखाया जायेगा।
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