
नारी तुम महान हो -२
दुख और सुख की शान हो
कैसी हैं सामाजिक बाधा,
तोड़ के जलता मशाल हो
नारी तुम महान हो -२
अपने अंदर जीवन लेकर
भरी दुपहरी तोड़ा पत्थर
शाम के सूरज संग लौटे...
घर मे भरती जान हो
नारी तुम महान हो -२
लाज-लांछन की गाँठरी को
Read More! Earn More! Learn More!