आज दिल फ़िर बोल पड़ा's image
516K

आज दिल फ़िर बोल पड़ा

आज दिल फिर बोल पड़ा

अब तलक तो शान्त था 

सूना था एकांत था

अब तो है ज़िद पर अड़ा

आज दिल फ़िर बोल पड़ा।

भूल गया था इसे कहीं

इक रोज चलते फिरते यूँ ही

वहीं रस्ते में मिला खड़ा

आज दिल फ़िर बोल पड़ा।

ले गया था इसे कोई जो भी

ख़्वाहिश मन बहलाने की होगी

पर ये भी है खुद्दार बड़ा

आज दिल फ़िर बोल पड़ा

वो इसे नही भाया होगा

घर याद इसे फिर आया होगा

फिर घर को वापस निकल पड़ा

आज दिल फिर बोल पड़ा

Read More! Earn More! Learn More!