आ जाओ ना अब गिरधारी ।'s image
266K

आ जाओ ना अब गिरधारी ।


धर्म पर अधर्म हो रहा भारी ,

आ जाओ ना अब गिरधारी ।

सब तरफ नफरत छा गई है ,

कान्हा धरा तुझे पुकार रही है ।

प्रेम की सुधा फिर बरसाने को ,

आ जाओ ना मोहन लेकर राधे को ।

मानव भेष धरे यहां कुछ राक्षस घूम रहे,

पृथ्वी मैय्या का हैं वो सुख चैन छीन रहे ।

Tag: poetry और1 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!