कितना अच्छा होता
तुम्हारे साथ चलना
अग़र मैं सीख लेता
झूठ, छल-कपट और बहाने
तो लोग बन जाते मेरे भी दीवाने।
हमें इस बात का दुःख नहीं है
कि तुम आगे निकल गई,
मैं पीछे छूट गया।
मनुष्य होने के नाते स्वाभाविक हमें ये दुःख है कि
मेरे अपने झूठ और छल-कपट
के कंधों पर चढ़कर
हमसे आगे नि
Read More! Earn More! Learn More!