
सुनो ना मुझे लुभाने का शौक नही रहा कभी किसी को।
बस अदा ही है केवल बात करने की।
हा मैंने अभी तक कुछ छुपाने का तरकीब भी नहीं सोच पाया।
शायद हर चीज सोचा तेरे लिए
पर
औरो की तरह तुझे कुछ दिखाने का नहीं सोच पाया।
बस हर बात बताने से डरता रहा तुझसे।
हां पर कभी रहता था बेख़बर भी तो तुम्हारे ख्यालों में ही तो घूमता था।
हर चीज सोच कर भी बस तुझे लुभाने कि एक तरकीब नहीं सोची,
हा बस
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