तुमको ही क्यों सोचें!'s image
401K

तुमको ही क्यों सोचें!

तारीफियां सोचें या तेरी खामियां सोचें

मिले कोई नया मसला तुमको ही क्यों सोचें


थे लापरवाह कितने हम

दिल खो दिया सोचें


मशगूल थे तुममें कभी

वो अपनी नादानियां सोचें


<

Read More! Earn More! Learn More!