![फागुन's image](/images/post_og.png)
फागुन में सब घर है आये
साजन! तुम फिर नहीं आये
सखी सहेली मुझे चिढ़ाये
तुम्हारे साजन फिर नहीं आये।
सब सखी करें हँसी ठिठोली
निज साजन संग खेले होली
सासू ननद भी ताना मारे
बहू तुम्हीं हो नखरीली।
उनको
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फागुन में सब घर है आये
साजन! तुम फिर नहीं आये
सखी सहेली मुझे चिढ़ाये
तुम्हारे साजन फिर नहीं आये।
सब सखी करें हँसी ठिठोली
निज साजन संग खेले होली
सासू ननद भी ताना मारे
बहू तुम्हीं हो नखरीली।
उनको