![जब भी मिलते हैं प्रस्ताव प्रेम के's image](/images/post_og.png)
मिलते हैं जब भी प्रस्ताव प्रेम के,
यह विश्वास जताया जाता है।
हो जग के तुम श्रेष्ठतम प्राणी,
यह भान कराया जाता है।
तुमसा नहीं देखा कोई और गुणी,
ऐसा एहसास दिलाया जाता है।
पाकर तुमको मैं धन्य हो जाऊँ,
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यह विश्वास जताया जाता है।
हो जग के तुम श्रेष्ठतम प्राणी,
यह भान कराया जाता है।
तुमसा नहीं देखा कोई और गुणी,
ऐसा एहसास दिलाया जाता है।
पाकर तुमको मैं धन्य हो जाऊँ,