'दर्द की जाई गवाह बरसात की बातें करें'.
अब चलो कुछ देर कुछ जज़्बात की बातें करें
दर्द की जाई, गवाह बरसात की बातें करें।
ताजपोशी ख़्वाब की, मिलने न मिलने की कसक
प्यार की पूंजी, नरम लम्हात की बातें करें।
अश्क़ से नग्में लिखा करने की हरदम कोशिशें
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