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"बूंद बूंद हो मोम पिघलता....."


'क्यारी क्यारी बोए रिश्ते'



सूरज सा कमरे में ढलता

सूखे संबंधों में पलता,


किरण किरण जोड़ी जीवन भर

अंत समय काजल में पलता,


दिया सजाया उजियारे का<

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