
भवन में हो तुम नयन में हो तुम ,
समस्त सृष्टि के कण –कण में हो तुम,
मेरे प्रीत भरे दामन में ,मेरे आंचल में ,मेरे आंगन के कानन में,
जिधर देखूं उधर तुम हो ,तुम्हीं तुम हो मेरे मन में भी ,,
मेरी पूजा मेरे प्रेम में ,मेरे गीतों के राग में ,
मेरे स
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