कहीं अल्फ़ाज़ नहीं मिलते,
कहीं अहसास नहीं मिलते,
हर एक से अपने मिजाज़ नहीं मिलते,
अकसर दरख़्तों पर मिलते हैं फूल,
हर एक पर यू ही गुलाब नहीं मिलते,
काफिला चला आता है रोज़ संग,
तुम जैसे क्यूं हमें बेहिसाब नहीं मिलते,
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कहीं अल्फ़ाज़ नहीं मिलते,
कहीं अहसास नहीं मिलते,
हर एक से अपने मिजाज़ नहीं मिलते,
अकसर दरख़्तों पर मिलते हैं फूल,
हर एक पर यू ही गुलाब नहीं मिलते,
काफिला चला आता है रोज़ संग,
तुम जैसे क्यूं हमें बेहिसाब नहीं मिलते,