रिश्ते's image

कभी चटक जाते है रिश्ते शीशे की तरह

संभाल के रखो, बचाकर के रखो इन्हें दुनियां की नज़रों से 

कुछ ना कहते हुए भी बहुत कुछ कह जाते है 

ये अनसुलझे धागे की तरह

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