
गुलाबी ख़ंजर: इतिहास के पन्नों से निकली एक बेमिसाल दास्तान
जब मैंने गुलाबी ख़ंजर पढ़ना शुरू किया, तो यह सिर्फ एक ऐतिहासिक फिक्शन नहीं, बल्कि समय में यात्रा करने जैसा अनुभव था। रोहित सकुनिया, दिलीप पांडे और चंचल शर्मा द्वारा लिखित यह उपन्यास न सिर्फ प्रतिशोध, गर्व और नियति की गहराइयों को छूता है, बल्कि हमें उन अनकही कहानियों से भी रूबरू कराता है, जो इतिहास के पन्नों में दबकर रह गई थीं।
कहानी में भाइयों के बीच का द्वंद्व, छोटे क़बीलों की संघर्ष गाथाएं और महाकाव्य लड़ाइयों का चित्रण इतनी खूबसूरती से क
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