साथी's image
स्वर्ग का रास्ता मां बनाती रही
मेरे तकलीफ सारे उठाती रही
मैं रोया तो मां भी रोती दिखी
मेरे हंसने पे मां मुस्कुराती रही

नरम हाथ फेरे सिर पे नरमदिल
जब मैं सो जाऊं थक के खेल कर
घंटो तक थकी मां थके हाथों से 
प्यार से पांव मेरा  दबाती रही

घर के काम से थक हार के भी
गोद में मां मुझको झुलाती रही
नींद से प्यारी भला क्या है सुनो
मां आधी नींद में लोरी सुनाती रही

पापा से बहुत डरती थी मगर
जिद्द मेरी सर आंखों पे रखती थी मां
कड़ी धूप में डाल सर पे पल्लू मेरे
नंगे पांव पूरा बाजार घुमाती रही

मैं बदमाश था बचपन में बहुत
मां मुझको बचाए बड़ो की डांट से
जिद्द मेरी जब पूरी कर ना सकी
मां सौ बहाने से मुझको मनाती रही

पापा की ड्यूटी थी बाहर शहर से
बोझ जिम्मेदारियों का उठाती रही
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