है ठान लिया हमने
सूरज सा जलना है
सपनों को दो परवाज़
अगर उड़ने की तमन्ना है
उँचे रहे है जो
तेरे कद से इरादे
तो ये फलक मगरूर
हो भले कोहरा घना
तुम मगर गम ना मनाओ
ज़रा कदम बड़ा छट जाएगा
नज़रिया बदल के
नज़ारे बदल दे
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है ठान लिया हमने
सूरज सा जलना है
सपनों को दो परवाज़
अगर उड़ने की तमन्ना है
उँचे रहे है जो
तेरे कद से इरादे
तो ये फलक मगरूर
हो भले कोहरा घना
तुम मगर गम ना मनाओ
ज़रा कदम बड़ा छट जाएगा
नज़रिया बदल के
नज़ारे बदल दे