![तेरा प्यार!'s image](/images/post_og.png)
जाड़े की शाम में गरमी जैसा,
और माँ की ममता के नर्मी जैसा,
पापा के ज़ोरदार ठहाकों जैसा,
और सुबह की चाय के प्यालों जैसा,
खेतों की हरियाली जैसा
और दादी की मीठी गाली जैसा,
नन्ही चिड़ियां की उड़ान जैसा,
और बच्चे की मुस्कान जैसा,
मस्त पवन के झोखों जैसा,
और दिवाली के नए तोफों जैसा,