
नुक्कड़ पर लोग अलाव जलाने लगे हैं,
दिल्ली में सरदियां पैर फैलाने लगे हैं,
धुंध में सारा शहर समाया हुआ है,
बस उबलती चाय और थर्मल ने जान बचाया हुआ है,
Air Quality Index फिर से high हुई है,
मास्क की सेल ने नई ऊंचाई छुई है,
सूरज को देखने जी तरसा हुआ है
मुझे नहा के भी अब एक अरसा हुआ है,
कोल्ड क्रीम की बोतल से काम चला रहा हूं,
शाम को कभी कभी थोड़
दिल्ली में सरदियां पैर फैलाने लगे हैं,
धुंध में सारा शहर समाया हुआ है,
बस उबलती चाय और थर्मल ने जान बचाया हुआ है,
Air Quality Index फिर से high हुई है,
मास्क की सेल ने नई ऊंचाई छुई है,
सूरज को देखने जी तरसा हुआ है
मुझे नहा के भी अब एक अरसा हुआ है,
कोल्ड क्रीम की बोतल से काम चला रहा हूं,
शाम को कभी कभी थोड़
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