शायरी महज़ कुछ शब्द ही नहीं
एक कहानी है हमारे दीवाने पन की
हमारी जुबानी हमारे अल्हड़पन की
किसी के उमड़ते ख्यालात की
हृदय से होते उद्गम जज़्बात की
खुली आंखों से देखे स्वप्नों की
संग होती गुफ्तगू अपनों की<
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शायरी महज़ कुछ शब्द ही नहीं
एक कहानी है हमारे दीवाने पन की
हमारी जुबानी हमारे अल्हड़पन की
किसी के उमड़ते ख्यालात की
हृदय से होते उद्गम जज़्बात की
खुली आंखों से देखे स्वप्नों की
संग होती गुफ्तगू अपनों की<