मेरी कलम's image
जब जन्म लिया तो माँ ने शगुन के लिए, बेहतर भविष्य के लिए
हाथों में एक कलम थमा दी..
वो थी मेरी पहली कलम
जब पापा मुझे स्कूल ले गए ताकि मैं पढ़-लिख के कुछ बन सकूँ ..
तब थी चली मेरे साथ, मेरी कलम
दुनिया की रीति को, इसकी नीति को... 
सीखने में, सीखाने की देवी बनी, मेरी कलम
दोस्तों के संग खेले खेलों में... 
थी साथ खेली मेरे, मेरी कलम।
 
जब दिल ने कहा कि अपने एहसासों को,
शब्दों में पिरोओ, तब थी मेरे हाथों में, मेरी कलम
बहुत से दोस्त बने...
कुछ प्यारे, कुछ नटखट से..
उन सब में सबसे चुलबुली थी, मेरी कलम।
 
आती है हर शख्स के जीवन में जवानी
बदली मेरी भी दुनिया, मेरी कहानी
कदम रखे जब मैंने भी
उन रेशम से एहसासों पर
तब थी मेरे हाथों में सजती, मेरी कलम
 
जब उनको देखा 
तो आँखों ने अपना रंग बदला, दिल ने गुनगुना सीखा
तब उस पहली मुलाकात की साक्षी बनी, मेरी कलम
उनसे प्यार हुआ..
तो उनसे जुड़े जज़्बातों को, सपनों को
उम्र भर संभाल के रखने के लिए, हाथों में थी, मेरी कलम
शाम जब उनके ख्यालों में खोया रहता
तब साथ में मेरे खोयी रहती, मेरी कलम
जब सनसनाती, महकती 
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