हसरत's image
कोई नज़ारा, कहीं दूर, नजर में था।
झूठा, दूर, बस नजर में था।
समंदर सा
हसरतों का
मन कहता है, काश! सब होता
मुझे लगा की नहीं, काश! मैं होता।
क्यों? सफीना है तो!
मगर इम्तेहान तो डूबने का है
और सफ़ीना और तूफान भी भरे से बैठे हैं
आंखों में कुछ राज़,
Tag: Love और3 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!