
रेत बह चली है, लहर के सहारे
किनारे किनारे, किनारे किनारे
कई लोग आते थके और हारे
कई बीच दरिया प्यासे बेचारे
कई को खुशी दूर से देखती
कई शोर में शांति को पुकारे
स
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रेत बह चली है, लहर के सहारे
किनारे किनारे, किनारे किनारे
कई लोग आते थके और हारे
कई बीच दरिया प्यासे बेचारे
कई को खुशी दूर से देखती
कई शोर में शांति को पुकारे
स