आंखें चमक रही हैं और सपने पल रहे हैं
मंजिल की दिशा में हम धीरे से चल रहे हैं
हवाएं भी तेज हैं और अंधेरे भी गहरे हैं
हम ऐसे दीपक हैं जो बेखौफ जल रहे हैं
राहों में मुश्किल हो चलना तो निश्चित है
हर आशा ईश्वर की दृष्टि पर आश्रित है
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