Ek Beej Jo Wo Bo Gaya Tha's image

शब्दों में पड़ गया था लकीरों में खो गया था

फकीरों को भूल बैठा अमीरों में खो गया था


हाथ सोना लग गया था और आँखें मूंद लीं

न पता मुझको सही से आखिरी कब नींद ली


सब इमारत देखकर मुझको लगा क्या चीज़ है

पेड़ बरगद का बड़ा, होता भला क्या बीज है


जब भरम की नींद टूटी, ख्वाब मेरा सो गया था

मैं तो ऐसा था नहीं पर ये मुझे क्या हो गया था


कब भला होता कोई मां बाप के जितना बड़ा

और देखो मैं खलीफा तान के सीना खड़ा


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