ख़्वाब एक्सप्रेस's image
132K

ख़्वाब एक्सप्रेस


मेरी ज़िद मुझ पर ही नहीं चलती 
तू छोड़कर सब कुछ मेरी हमसफर क्यों नहीं बनती

वैसे तो जमाना दीवाना है एक तू 
ही है जिसके दिल पर मेरी कलम 
नहीं चलती 

एक कहानी है मेरे दिल में जिसमें
कई किरदार है हसीं उनमें से एक 
किरदार तू क्यों नहीं बनती

ख़्वाबों के किरदारों की कहानी 
जिदंगी की हकीकत की रील 
पर क्यों नहीं चलती

सूखे मरुस्थल की जमीं से, दिल
Read More! Earn More! Learn More!