चल रहा अब्र चल रही बारिश की बूंदे
चल रही हवा है
मौसम सुहाना सुहानी लग रही हवा है
विचलित मन मेरा विचलित मेरा तन जैसे होते हवन
तप्ति गर्मी ढ़लती शाम हमें इंतज़ार छाँव का
छठती घटा अब्र को बताये
बारिश में इठलाती बेल ,पत्तो पर हरियाली
टिमटिमाते तारे चांदनी रात लग रहा हो
जैसे गीत कोई गुनगुनाये
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