
फिल्मो में जिसे रोमांटिक मौसम कहा जाता है ना रात को वही मौसम था बारिश की टपकती बूंदे, व्हाट्सएप पर महोब्बत के मैसेज, फेसबुक पर वही प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा की पोस्ट देखते देखते आंखों में नींद भरने लगी। प्यार की बातों के साथ आंखे बंद करेंगे पर ये नही पता था जब आंखे खुलेंगी तो मौत के मंजर दिखेंगे। लगभग समय था 2 बजकर 25 मिनट...बादलों से एक तेज गड़गड़ाहट हुई बिजली की चमक ऐसी थी कि लगा कमरें में 100 वाट का बल्ब जल रहा है।
मैं लिखता रहता हूं कि मेरी आंखों में कभी डर नही दिखेगा पर बीती रात ने सबकुछ लिखे को 10 सेकेंड में गलत साबित कर दिया।
उस सेकेंड में जो हुआ मेरे लिये भयानक दर्शय था। अचानक नींद खुली बादलों की गड़गड़ाहट तेज थी धरती में कम्पन बहुत तेज था। ऐसा लगा अभी सबकुछ तहस-नहस होगा धरती उथल पुथल होगी।
उन 10 सेकेंड
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