रूखे से हैं मेरी मां के हाथ
सीने में दरिया बहता है ।
कहीं भी— कैसे भी रहूं मैं ,
मेरी मां का दिल तो मेरी
खैरियत में ही रहता है ।
मां को किसी का भेद नहीं
मेरे लिए दुआएं करने में
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सीने में दरिया बहता है ।
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मां को किसी का भेद नहीं
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