वो लौ लपट सा दन दनाता भागता है,
धधकता हुआ तम तमाता सा झांकता है,
पास जाओ तो शेर सा थर थराता है,
कुछ बोलो तो गुर्राता है,
वो शक्स बड़ा अजीब है,
भावनाओं से गरीब है,
पर दिल के फिर भी क
धधकता हुआ तम तमाता सा झांकता है,
पास जाओ तो शेर सा थर थराता है,
कुछ बोलो तो गुर्राता है,
वो शक्स बड़ा अजीब है,
भावनाओं से गरीब है,
पर दिल के फिर भी क
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