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दूर रह के भी ख्वाबों में

दूर जा के भी ख्वाबों में आते है वो,

मोहब्बत बड़ी मुसीबत है वजह फरमाते हैं वो।


यूं भी जिंदगी में मुस्किलें हैं बहुत,

ना हो जो उनका दीदार मुश्किलें बढ़ाते हैं वो।

हाल ऐ दिल अब कहें तो कहें किस से,

इजहार ए इश्क से पता नहीं क्यों घबराते हैं वो।


दूर जा के भी ख्वाबों में आते है वो,

मोहब्बत बड़ी मुसीबत है वजह फरमाते हैं वो।


साथ होते हैं तो हया के पर्दों में छुप जाते हैं वो,

जो हम कहें की करते हो सितम हाय बड़े प्यार से समझाते हैं वो।

जो न हो जिक्र उन आंखों का तो होगा कुफ्र दबीर,

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