
जिस के जज़्बात ने घायल किया है
उसी की याद ने पागल किया है
समुंदर हो गई आंखें किसी की
किसी ने जुल्फ को बादल किया है
यकीनन जीत तो उसकी ही होगी
जिसने छालों को चप्पल किया है
यहां बस्ती हुआ करती थी पहले
पलायन ने इसे जंगल किया है
ये कैसी होशियारी है कि जिसमें
सोने का बदल पीतल किया है
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