किसी गैर राह पे या......'s image
102K

किसी गैर राह पे या......

अंधेरा अपनी तमाम हसीन महक के साथ

एक दोस्त की तरह आकर

मेरे पास में बैठ जाता है,

और......

अपने तमाम दुखों के बावजूद

उस मंजर का जिक्र करता है,

जहां नदी निरंतर

तारों का अक्स लेकर आगे बढ़ती है,

Tag: poetry और4 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!