
जब भी आयी जन्म की बारी
सबने मिलकर की तैयारी
उत्सव का सामान जुटाया
रिश्तेदारों को बुलवाया
स्वागत को, सब आए साथ,
आदमी आया खाली हाथ।
बड़ा हुआ तो दौड़ा भागा
मन के भीतर लालच जागा
छीने झपटे माल कमाए
फटी जेब में क्या रुक पाए
समय ने जब भी पूछी बात
आदमी निकला खाली हाथ।
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