हरित वाणी : ११ फरवरी २०२३
एक जीवन, एक शर्म जल, एक आंसू की धार,
कलजुग में सूखे हरित, खारा बढ़ा अपार।
कलजुग में सब सूख रहे हैं, जल के उदगम, नदियां, नाले,
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हरित वाणी : ११ फरवरी २०२३
एक जीवन, एक शर्म जल, एक आंसू की धार,
कलजुग में सूखे हरित, खारा बढ़ा अपार।
कलजुग में सब सूख रहे हैं, जल के उदगम, नदियां, नाले,
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