
सूनी सूनी सब चौपालें, हवा मिली ना छांव,
दिन भर ढूंढा गांव, मगर ना मिला पुराना गांव।
पक्के घर, कच्चे से रिश्ते, गालियां हो गईं तंग,
पैज मिली एक छत की छत से, मिला कहीं ना संग,
सूखे कूंए, सूने पनघट, तपती मिली जम
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सूनी सूनी सब चौपालें, हवा मिली ना छांव,
दिन भर ढूंढा गांव, मगर ना मिला पुराना गांव।
पक्के घर, कच्चे से रिश्ते, गालियां हो गईं तंग,
पैज मिली एक छत की छत से, मिला कहीं ना संग,
सूखे कूंए, सूने पनघट, तपती मिली जम