प्यार :एक ख्वाब
ये याद भी कैसी याद ,
जिस याद में केवल नफरत हो ।
पता नहीं ये प्यार भी कैसा प्यार ,
जिस प्यार में केवल बिछड़ना हो ।
मैं चाहता था प्यार करूगाँ ,
प्यार चाहता था सबक सिखाऊगाँ ।
प्यार तो हुआ ही नहीं ,
पर सबक भी सीख लिया हूँ ।
ना जाने ये तर्पण कैसी थी,
तुमसे प्यार करने का ।
ना जाने ये सोच कैसा था,
तुमसे बातें करने का।
सबक भी सीख लिया हूँ ,
अब दूसरे
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