रौशन चांद's image

बादलों की ओट से झांकता है चांद आज,

इतना रौशन क्यूं हुआ सोचता है चांद आज,

ये किसी की याद है या खिले जज़्बात हैं, 

या कोई खिड़कियों से तक रहा है चांद आज।


लगता है डूबा हुआ किसी के इश़्क में चांद आज,

प्रियतमा की बालियां बन चमकता है चांद आज,

इश़्क में पहला ख़त लिख रहा है चांद आज,

या किसी के माथे को चूमता है चांद आज ।


Read More! Earn More! Learn More!