इन्सान बनाने वाले ,
बना क्या दिया हमें तुमने।
खूबसूरत दुनिया बनाई,
और भर दिया कंकालों से।
फरेब से भरी हड्डियों पर,
मक्कारी के चिथड़े लिपटे हैं।
दौड़ रहा है नफरत,
रक्त बन के धमनियों में।
रक्तरंजित आसमां में,
फैली हुई सिर्फ वेदना हैं।
चांद सूरज ब
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