![अकेला चाँद's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40nishant-pandey/None/FKxZVo0aUAA65Mv_18-02-2022_22-33-54-PM.jpeg)
कहीं दूर अपने गांव ,
खाट पर बैठा है एक चाँद।
सहस्त्र सितारों के होते भी,
आज अकेला बैठा चाँद ।
शायद किसी की यादों में ,
खोया- खोया लगता चाँद।
आज उदासी ऐसी छाई ,
लोरी में नहीं जाता चाँद ।
क्या हुआ ? तू गुमसुम क्यूँ है?
क्या ऐसे अच्छा लगता चाँद !
आ जा तुझे घूमा दूँ मैं ,
छोटा-सा प्यारा अपना गांव।
अलाव जला हम काटेंगे ,
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